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हींकार / प्रवीण काश्‍यप

ओहि मरघट बनल गाम में
अछि एकटा विद्यालय
जतऽ किछु छात्र पढ़ैत अछि संस्कृति
पढ़ैत अछि, रटैत अछि,
गबैत अछि, कनैत अछि।
श्वान जकाँ हुआँ-हुआँ करैत अछि!
ओकर गान अछि हींकार।

एहि मरघट मे हम देखैत छी
किछु शव कें चलैत-फिरैत!
सुनऽ परैछ ओकर रोदन-गान!
नहि सुनऽ चाहै’ छी ई सभ शब्द,
मुदा नहि अछि कोनो उपाय!
बही होयबा पर नहि अछि साध्य!

दुनू हाथ उठबै छी
मुनबा लेल अपन कान;
मुदा एहि मरघटक मृत्यु,
भऽ रहल अछि हमरो पर हाबी!
हाथ काँपऽ लगैछ, हारऽ लगैछ;
अपन आँखि सँ नहि देखऽ चाहै’छी,
किशोर काका, हरिनाथ जी, सुभेश जी,
मूनि लै’ छी अपन आँखि।
मुदा ओ सभ आबि रहल छथि लग
हुनक जीवित शव आबि रहल अछि लग!
.........................................................................
........................................................................
हमर अहोभाग्य, अहोभाग्य
बाउ, अहाँ अयलहुँ..............
आ हा हा आ हा हा
कोनो सत्कार, कोनो सत्कार
नहि कऽ पयलहुँ..................
किछु नहि.........................

फेर हम रोकै छी हुनका सभ कें
कहऽ लगै छी...............
नहि, नहि कोनो अपेक्षा
जीवित शव सभ सँ!

मुदा, मुदा................
हमर शब्द, शब्द ?
शब्द कतऽ गेल हमर
आयल रही तऽ नहि रही हम बौक!
हमरे संग छल हमर शब्द!
कतऽ गेल, कतऽ गेल?
हमर शब्द, हमर बकार?
कोनो समाधिक नीचा;
वा कोनो तुलसीक जड़िमें!
वा ई श्वेत श्वानक हींकार मे
विलीन भऽ गेल हमर बोल?
हम खोजि रहल छी
हम खोदि रहल छी
हम मनुष्य नहि छी
हम भऽ गयलहुँ श्रृगाल!

हम खोजि रहल छी
खोदि रहल छी, अस्थि शेष!
हमर बेकलता बढ़ि रहल अछि।
दुस्‍साहस बढ़ि रहल अछि।
हम आब भंग करऽ लगलहुँ
पैघ लोकक समाधि।
परन्तु-परन्तु.........
अस्थि कहाँ अछि?
अस्थिहीन अछि समाधि सभ।
एहि में, एहि मे........
एम्हर, ओम्हर जतऽ ततऽ अछि

मात्र खालक किछु अवशेष!
तखन-तखन......................
एकर तात्पर्य की?
हम आबि गेल छी
रीढ़विहीन प्राणीक श्मशानमें!
हा हा.........
अपन क्षुद्रता पर हम
कानऽ लगै छी
हुआँ-हुआँ करऽ लगै’ छी
ई शोक शुक्ल यजुर्वेदक कोनो श्लोक!
ई हींकार थिक!

हम प्रज्ज्वलित अग्निक
चारू कात दौड़ऽ लगै’ छी
भिक्षाटन करऽ लगै’छी
कानै छी हँसऽ लगै छी।
हाँ, हाँ ओ श्लोक, ओ श्लोक,
ओहि में, ओहि मे अछि हमर शब्द
जे हेराय गेल छल
मुदा हम तऽ हम तऽ........
श्रृगाल छी!
हमरा शब्दक की प्रयोजन?
हींकारक की प्रयोजन?
एहि रीढ़विहीन प्राणीक श्मशान में
हमर की प्रयोजन?
हमर की प्रयोजन?