Last modified on 22 मई 2018, at 14:24

हीरे-पन्ने / बालकृष्ण गर्ग

भोले-भाले नैन हमारे,
बैन तोतले, प्यारे-प्यारे।
हम सबकी आँखों के तारे-
चंचल, निश्छल नन्हें-मुन्ने।

खेलें-कूदें भर किलकारी,
हँसी-खुशी से अपनी यारी।
दमकाएँगे दुनिया सारी
हम भारत के हीरे-पन्ने।
[बालक, फरवरी 1978]