हाथ धोते-धोते याद आया
सुबह बिना हाथ धोये खा लिया था रोटी सब्जी
सब्जी खाते वक्त
याद आई थी माँ सुबह-सुबह
सुबह से याद आया
दादा जी बतलाते थे
रात को सोया था हिंदुस्तान में
सुबह पाकिस्तान में खुली थी नींद।
हाथ धोते-धोते याद आया
सुबह बिना हाथ धोये खा लिया था रोटी सब्जी
सब्जी खाते वक्त
याद आई थी माँ सुबह-सुबह
सुबह से याद आया
दादा जी बतलाते थे
रात को सोया था हिंदुस्तान में
सुबह पाकिस्तान में खुली थी नींद।