Last modified on 27 दिसम्बर 2009, at 16:45

रक्त और प्रेम की कविता / आरागों

मैक्स अर्नेस्ट के लिए

जैसे ही बस पलटी पीछे की ओर
रास्पाई बूलवार और शेर्श-मिदी मार्ग के कोने से
सामान्य राह में बाधा पहुँचाते काम से बचने के लिए
अजनबी एक कूद कर चढ़ा पायदान पर

उपर आया और कुछ ही पल में
आगे की सीट तक आ कर ज़ोर से यह बोलते हुए बैठा
तुम सब जो मुझे सुन रहे हो, जान लो मेरा नाम है निराशा

उसने रख दिया था एक शब्द चिमनी पर
एक पिन दोहरी और थोड़ा सा मक्खन
मेरे मित्र पूरे साल हँसते हुए जा चुके थे
प्रेम, ओ आभासित झूठ मैंने नहीं सुने प्रहर के घंटे
धोखा है, धोखा है

शरीर गुदे आदमी ने उसे सुना गाली देते हुए
उसे बेचनी चाही दो चुराई हुई अंगूठियाँ पचास फ्रेंक़ में
मैं तुम्हारे लिए शीशा कट कर दिखाता हूँ इससे तुम हँसोंगे
यह भगवान से मज़ाक करने का समय नहीं है
उसने ख़रीदे कुछ पोस्टकार्ड अश्लील और ओझल हो गया एक पार्क में
जहाँ चहकती थीं चिड़ियाएँ और खेलते थे बच्चे
आयाएँ अपनी कुर्सियों में धँस देखती थीं सपने
उसने अपनी नग्न औरतों को देखा और बैठ गया अलग

निगाह उसकी भटकी और जल्दी ही चमकी
आदमी का विचार ही जुदा करता है माँ-बेटियों को
बड़ी घड़ी ने बजाए मैथुन
आपका खोया हुआ वाद्यवृंद रिसता है हरितमा में
जहाँ दगाबाज़ चुम्बन कराहते हैं धीरे-धीरे
व्यर्थ जैसे समुद्र तुम अपनी ज़ुबाँ खींचते हो वापस
सोते हुए जंगल में सुंदर अतीत के
आलिंगन।

ले देस्तीने द ला पोयज़ी(1925-1926) से

मूल फ़्रांसिसी से अनुवाद : हेमन्त जोशी