यह कौन है बुढिया
नीले बिछावन पर सोई
चतुर्दिक पसारे अपनी केशराशि
अतीत की निद्रा में डूबी
अस्फुट शब्दों में कह रही
कौन सी कथा
बार-बार।
यह कौन है बुढिया
नीले बिछावन पर सोई
चतुर्दिक पसारे अपनी केशराशि
अतीत की निद्रा में डूबी
अस्फुट शब्दों में कह रही
कौन सी कथा
बार-बार।