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अकालमृत्यु / प्रीति समकित सुराना

एक रिश्ता
रिश्ते में प्यार
प्यार में अपेक्षा
अपेक्षा की उपेक्षा
उपेक्षा से जन्मा अहम
अहम से उपजी ज़िद
ज़िद से आया गुस्सा
गुस्से से हुई तकरार
तकरार से उत्पन्न संवादहीनता
और फिर सारे रास्ते बंद...
क्योंकि जब तक
कहासुनी
और आरोप प्रत्यारोप के
सिलसिले जारी थे
तब तक थी
संभावनाएं
समस्याओं के सुलझने की
अबोलापन
सटीक साधन
मतभेद को मनभेद में बदलने का,.
अब
जब मनभेद है
तब
मिलन के सारे विकल्प
ख़त्म...
हुई संवादहीनता से
सुखद और सुन्दर
संभावनाओं से परिपूर्ण
एक अपरिपक्व रिश्ते की
अकालमृत्यु