एक अकेला प्योनी
उजाला मेरे कमरे का !
पंखुडियां जैसे कोमल रेशम
हल्का सिंदूरी रंग
बड़े दो चक्रों वाले प्योनी के दल
जैसे हो एक सुंदरी मेरे कमरे में.
केवल एक प्योनी है
मेरे कमरे में ,
देखते ही शांत हो जाती हूँ मैं.
सुबह के समय
पंखुडियां कुछ ढीली सी हैं
पर यह अब भी खुश है
जैसे नाचती हो कोई सुंदरी !
यदि सुनें ध्यान से
समझ सकते हैं हम प्योनी की भाषा
"मैं सिर्फ खिलाना चाहता हूँ जब तक हो संभव ..
अपने अंदाज़ में,"
मुझे लिखना चाहिए प्योनी का सन्देश .
तीसरे दिन -
पंखुडियां मुरझा चुकी हैं
और फिर
गिरती जाती हैं एक एक कर ...
अनुवादक: मंजुला सक्सेना