पहाड़ों पर या समुद्र में
अकेले महसूस करो हवा, हवा
महसूस करो पेड़
और उजड़ी फसल।
चेहरे पर मुस्कुराहट हो
और आकाश छाया हो हमारे सिरों पर
चुप्पी छाई हो दक्षिण में
या पूर्व में
और एक नई नदी ने जन्म लिया हो।
बारिश हो रही हो
तेज़ हवा बह रही हो
ठण्ड काट रही हो चाबुक की तरह
समुद्र का तट हो
बिजली चमक रही हो
फिर भी मन में आशा हो
पहाड़ों पर या समुद्र में हो हम
अकेले, अकेले।
सिर्फ़ उसकी हँसी हो वहाँ
और मेरी आत्मा हो
सिर्फ़ मेरा अकेलापन हो
और उसकी चुप्पी हो।
मूल स्पानी से अनुवाद : अनिल जनविजय