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अचाणचक कीं दिख जावै / सांवर दइया

अचाणचक कीं दिख जावै
कांई ठा कुण लिख जावै

नित चालै लुक-मींचनी
सांमै आवै छिप जावै

गाडै में छाजलो भार
मन मानै तो धिक जावै

औ सौदो सुणो प्रीत रो
बिना मोल मन बिक जावै

मिजळी ओळूं रो कांई
आवै तो आ नित आवै