उसने जीवन भर
रौब झाड़ा
अपने मातहतों पर
गुस्सा करता रहा बात-बेबात
किसी की न सुनी
कहता रहा अपनी ही
करता रहा अपने मन की
आज अचानक चल बसा...
उसने जीवन भर
रौब झाड़ा
अपने मातहतों पर
गुस्सा करता रहा बात-बेबात
किसी की न सुनी
कहता रहा अपनी ही
करता रहा अपने मन की
आज अचानक चल बसा...