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अच्छी कविताएँ / हरे प्रकाश उपाध्याय

बुरे हालात में रहते हैं
मेरे अच्छे कवि मित्र
अच्छी कविताओं के लिये
बुरी परिस्थितियों में फंसे लोगों के बीच जाते हैं
और शुरू करते है बुराई पर बातचीत
और बुरे दिनों के बारे में सोचते हैं
बुरे वख्त में
बुराई के विरोध में वे
कविता में प्रतिरोध रचते है
लिखना चाहते हैं अच्छी कविताऐं
और अच्छे लोगों में शामिल हो जाना चाहते हैं
 चाहते तो हैं
कि अपने संग-साथ ले चलें
अपने बाबू माई
पडोसी भाई
घर दुआर
समय संसार सबको ले चलें
पर अक्सर जब होने लगती है
कविताऐं सफल
और अच्छाइयां विफल
कवि मित्र छोडने लगते हैं मोह माया
और महज अच्छी कविताओं के साथ ही
चल पडतें हैं अपनी अच्छाई की ओर
जैसे चल देता है बडी नौकरी पर लगा कोई बेटा
बीबी के संग परदेस
घर परिवार को अपने हाल पर छोड
अब इस तरह
मेरे वे कवि मित्र
बुराई से अच्छी पटरी बिठाते है
और अच्छी कविताओं की
अच्छी रकम बनाते हैं