Last modified on 27 अप्रैल 2010, at 00:22

अच्छे दिन / एकांत श्रीवास्तव

अच्‍छे दिन खरगोश हैं
लौटेंगे
हरी दूब पर
उछलते-कूदते
और हम
गोद में लेकर
उन्‍हें प्‍यार करेंगे
अच्‍छे दिन पक्षी हैं
उतरेंगे
हरे पेड़ों की
सबसे ऊँची फुनगियों पर
और हम
बहेलिये के जाल से
उन्‍हें सचेत करेंगे
अच्‍छे दिन दोस्‍त हैं
मिलेंगे
यात्रा के किसी मोड़ पर
और हम
उनसे कभी न बिछुड़ने का
वादा करेंगे।