हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
अच्छे लीला गोद मेरी सोक लिलिहारी
नाक पै बुलाक गोद रथ कौ सो पैय्या
गालन को झुकादे दोनों लंग को पपैय्या
होठों में बना दे एक कोयल कारी
अच्छे लीला गोद मेरी...
अच्छे लीला गोद मेरी सोक लिलिहारी
नाक पै बुलाक गोद रथ कौ सो पैय्या
गालन को झुकादे दोनों लंग को पपैय्या
होठों में बना दे एक कोयल कारी
अच्छे लीला गोद मेरी...