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अज्ञात सैनिक / अब्दुल्ला पेसिऊ

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यदि अचानक बाहर से कोई आए
और मुझसे पूछे:
यहाँ कहाँ है अज्ञात सैनिक की कब्र?

मैं कहूंगा उससे:
सर, आप किसी भी नदी के किनारे चले जाएँ
किसी भी मस्जिद की बैंच पर बैठ जाएँ
किसी भी घर की छाया में खड़े हो जाएँ
किसी भी चर्च की दहलीज़ पर क़दम रखें
किसी कंदरा के मुहाने पर
किसी पर्वत की किसी शिला पर
किसी बाग के किसी वृक्ष के नीचे

मेरे देश के
कहीं भी किसी कोने में
असीम आकाश के नीचे कहीं भी-

फ़िक्र मत करिए बिल्कुल भी
थोड़ा-सा नीचे झुकिए
और रख दीजिए फूलों की माला
चाहे कहीं भी...

 अंग्रेज़ी से अनुवाद : यादवेन्द्र