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अठारह कविताएँ / अब्बास कियारोस्तमी

1.

ट्राउट मछलियों का एक जोड़ा
लेटा हुआ है अग़ल बग़ल
सफ़ेद बिस्तर पर
चीनी की तश्तरी के
——

2.

मेरा यह दिन भी
खो गया
बाक़ी और दिनों की तरह
आधा बीते कल के बारे में सोचते गुज़रा
आधा आने वाले कल के
——

3.

मुझे ऊँचाइयों से डर लगता है;
एक ऊँची जगह से गिर चुका हूँ ।
मुझे आग से डर लगता है;
कई बार इससे जल चुका हूँ ।
मुझे अलहदगी से डर लगता है;
जीवन में बार बार झेल चुका हूँ ।
मुझे मौत से डर नहीं लगता;
मैं पहले कभी मरा नहीं हूँ,
एक बार भी ।
——

4.

अब यह सड़क
परित्यक्त
कई साल से सूनी पड़ी है;
हालाँकि बारहमासी फूलों को
शायद इसका पता नहीं है ।
——

5.

बर्फ़ पर लाल क़तरों की लकीर
शिकार की चपेट में आया घायल जानवर
लंगड़ाते हुए दूर जाता हुआ ।
——

6.
पानी में झिलमिलाता
पूरा चाँद,
पानी से भरे
एक प्याले में,
और प्यासा आदमी
गहरी नींद में ।
——

7.

चाँदनी में
चमकता एक तंग रास्ता
जिसपर मैं नहीं चलूँगा ।
——

8.

अफ़सोस
मैं अच्छा मेज़बान भी न हो सका
बर्फ़ के उस फाहे का
जो आ बैठा था मेरी पलक पर ।
——

9.

घोड़े का सफ़ेद बच्चा
घुटनों तक लाल रंग से रंगा हुआ
पोस्त के खेत में
उछलकूद करने के बाद ।
——

10.

सुबह सफ़ेद है ।
रात काली ।
बीच में है
सलेटी दुख ।
——

11.

धुएँ की बू
जलते ईंधन की बू
शिशु के रोने की आवाज़
पत्थर और मिट्टी से बनी एक झोंपड़ी ।
——

12.

पतझड़ की दोपहर
चिनार का पत्ता
आहिस्ता से अलग होकर
गिरता है
अपनी ही परछाईं पर ।
——

13.

हवा
पुराने किवाड़ को
खोलती है
और बन्द करती है
ज़ोर ज़ोर से
दस बार ।
——

14.

एक गर्भवती स्त्री
चुपके से रोती है
एक सोए हुए पुरुष के बिस्तर में ।
——

15.

कुत्ते के भौंकने में
बाधा डाल रही है
गाँव में बिजली की कड़क ।
——

16.

एक देहाती बूढ़ा
पहाड़ी रास्ते पर —
और दूर से एक जवान की पुकार ।
——

17.

काला कुत्ता भौंकता रहा है
नए अजनबी आगन्तुक पर
अन्धेरी रात में ।
——

 18.

एक थका मुसाफ़िर रास्ते में
अकेला
अपनी मंज़िल से
एक फ़रसंग दूर ।
——

शब्दार्थ :
फ़रसंग = क़रीब दो कोस


(मूल कविताएँ फ़ारसी भाषा में)


फ़ारसी और अंग्रेज़ी से हिन्दी में अनुवाद : असद ज़ैदी