सूर्य मद्धिम
हुआ, झुककर
चला पच्छिम
पूर्व छूटा
मध्य-मद का दर्प टूटा
मुकुट मणि का गया लूटा
डूबने का
रोशनी के रूठने का
समय आया
अतल तम है सघन छाया
रचनाकाल: ०४-०४-१९६८
सूर्य मद्धिम
हुआ, झुककर
चला पच्छिम
पूर्व छूटा
मध्य-मद का दर्प टूटा
मुकुट मणि का गया लूटा
डूबने का
रोशनी के रूठने का
समय आया
अतल तम है सघन छाया
रचनाकाल: ०४-०४-१९६८