रीति को रथ दो !
प्रीति को पथ दो !
गीति को कथ दो !
नीति को मथ दो !
अथ के लिए चलो
गाँव-गली
डगर-डगर
हाट-बाट नगर-नगर
जागृति को स्वर दो !
सुषमा के आँगन में
नव जीवन भर दो !
रीति को रथ दो !
प्रीति को पथ दो !
गीति को कथ दो !
नीति को मथ दो !
अथ के लिए चलो
गाँव-गली
डगर-डगर
हाट-बाट नगर-नगर
जागृति को स्वर दो !
सुषमा के आँगन में
नव जीवन भर दो !