महान स्रष्टा अपन सत्ताकें पूर्ण रूपें नियोजित केलन्हि अभूतपूर्व कलासृष्टि में ।
सामने आधार पर राखल दीप चारू कातक अन्धकार कें करबा लेल दृढ़प्रतिज्ञ छल ।
सादा-कारी-लाल-नीला अनेक प्रकारक रंग घोरल छलैक।
सादा कैनवास पर कारी रंग- अपन कलुषता कें प्रकाशित करैत विद्यमान छल।
सृष्टिक तन्मयताक कोनो सन्धिक्षण में
शिल्पी अपन कलाकृष्टि कें मुग्ध दृष्टियें
विभोर भ' देखैत छलाह।
अनचोकहि-
सादा पर करिया रंग ढरकि गेलैक।
सादा पर कारी-
अपन अधिकारक विस्तार करै लागल।