यह पहला पलाश फाल्गुन का
कि ज्यों जीवन के हाशिये में किसी ने
लाल स्याही से
शून्य लिखा
एक बसंत का अनुबंध
दूसरे तक भी नहीं चला
रह गया दग्ध तरु लज्जित
फूल फूल सुलगा
यह पहला पलाश फाल्गुन का
कि ज्यों जीवन के हाशिये में किसी ने
लाल स्याही से
शून्य लिखा
एक बसंत का अनुबंध
दूसरे तक भी नहीं चला
रह गया दग्ध तरु लज्जित
फूल फूल सुलगा