ज्ञान की गंगा
बहने लगती है
जब अनुभव शब्द बन
पिघलने लगते हैं
मेरी हथेली से
मन के कोरे काग़ज़ पर
और बहने लगते हैं
शिराओं में रक्त बन।
ज्ञान की गंगा
बहने लगती है
जब अनुभव शब्द बन
पिघलने लगते हैं
मेरी हथेली से
मन के कोरे काग़ज़ पर
और बहने लगते हैं
शिराओं में रक्त बन।