यकीं करो
सिर्फ उतना ही हूं मैं
जिसे तुम्हारी सामान्य आंखें
महसूस कर रही हैं।
तुम्हारे अनुमान
तुम्हारा मनोविज्ञान
मुझे अंदर तक कचोटता है
सोचने लगता हूं
क्यों नहीं बन सका
तुम्हारा अनुमानित।
यकीं करो
सिर्फ उतना ही हूं मैं
जिसे तुम्हारी सामान्य आंखें
महसूस कर रही हैं।
तुम्हारे अनुमान
तुम्हारा मनोविज्ञान
मुझे अंदर तक कचोटता है
सोचने लगता हूं
क्यों नहीं बन सका
तुम्हारा अनुमानित।