आती रहती हैं अंत्येष्टियाँ
अधिकाधिक संख्या में
जैसे बढ़ती जाती है संख्या यातायात संकेतों की
ज्यों-ज्यों हम करीब पहुँचते जाते हैं किसी शहर के.
टकटकी लगाए हुए हजारों लोग
लम्बी परछाइयों के देश में.
धीरे-धीरे
एक पुल निर्माण करता है स्वयं का
सीधा अन्तरिक्ष में.
(अनुवाद : मनोज पटेल)