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अन्त्यानुप्रास / अरसेनी तरकोफ़स्की / वरयाम सिंह

बहुत अधिक महत्त्व नहीं देता मैं इस शक्ति को,
गाने को तो छोटी - सी चिड़िया भी गा सकती है ।
पर न जाने क्यों अन्त्यानुप्रास का कोश लिए
इच्छा होती है पूरी दुनिया घूम आने की
स्वभाव और विवेक के विपरीत
मृत्यु - क्षणों में कवि को  !
 
और जिस तरह बच्चा कहता है — माँ
छटपटाता है, माँगता है सहारा,
इसी तरह आत्मा भी अपमानों के अपने थैले में
ढूँढ़ती है मछलियों की तरह शब्दों को
पकड़ती है श्वासेन्द्रियों से उन्हें,
विवश करती है तुकान्तों में बैठ जाने के लिए ।

सच सच कहा जाए तो हम स्थान और काल की भाषा हैं पर कविताओं में छिपी रहती है
तुकबन्दी करते रहने की पुरानी आदत ।
हरेक को मिला है अपना समय
गुफ़ा में जी रहा है भय,
और ध्वनियों में जादू - टोने तरह - तरह के ।

और, सम्भव है, बीत जाएँगे सात हज़ार वर्ष
जब पुजारी की तरह कवि पूरी श्रद्धा के साथ
कॉपरनिकस के गाएगा गीत अपनी कविताओं में
और पहुँच जाएगा वह ऑइंस्टाइन तक
और तब मेरी मृत्यु हो जाएगी और उस कवि की भी,

पर मृत्यु के उस क्षण वह विनती करेगा सृजनात्मक शक्ति से
कि कविताओं को पूरा करने का उसे समय मिले,
बस, एक क्षण और, बस, एक सांस और,
जोड़ने दे इस धागे को, मिलाने दे दूसरे धागे से !
क्या तुम्हें याद है अन्त्यानुप्रास की वह आर्द्र धड़कन ?

मूल रूसी भाषा से अनुवाद : वरयाम सिंह

लीजिए, अब यही कविता मूल भाषा में पढ़िए
          Арсений Тарковский
                    Рифма

Не высоко я ставлю силу эту:
И зяблики поют. Но почему
С рифмовником бродить по белу свету
Наперекор стихиям и уму
Так хочется и в смертный час поэту?

И как ребенок «мама» говорит,
И мечется, и требует покрова,
Так и душа в мешок своих обид
Швыряет, как плотву, живое слово:
За жабры — хвать! и рифмами двоит.

Сказать по правде, мы уста пространства
И времени, но прячется в стихах
Кощеевой считалки постоянство;
Всему свой срок: живет в пещере страх,
В созвучье — допотопное шаманство,

И может быть, семь тысяч лет пройдет,
Пока поэт, как жрец, благоговейно
Коперника в стихах перепоет,
А там, глядишь, дойдет и до Эйнштейна.
И я умру, и тот поэт умрет,

Но в смертный час попросит вдохновенья,
Чтобы успеть стихи досочинить:
Еще одно дыханье и мгновенье
Дай эту нить связать и раздвоить! -
Ты помнишь рифмы влажное биенье?

1983 г.