तट पर पहुँच गया है मछलीमार
कालिदास चौकन्ने हैं
मछली के पेट में नायिका की अंगूठी चौकन्नी है
नहीं हो पाना है व्यापार
जाओ, मछलीमार
स्मृति
इस बार नहीं आनी है जाल में
सृष्टि
इस बार नहीं लगनी है काँटे में
तट पर पहुँच गया है मछलीमार
कालिदास चौकन्ने हैं
मछली के पेट में नायिका की अंगूठी चौकन्नी है
नहीं हो पाना है व्यापार
जाओ, मछलीमार
स्मृति
इस बार नहीं आनी है जाल में
सृष्टि
इस बार नहीं लगनी है काँटे में