अन्त में बचेगा पश्चाताप
जीवन से
कोई शिकायत नहीं रहेगी
न ही समय पर
आरोप लगाया जा सकेगा
पश्चाताप के आँसू
धो डालेंगे
घाव-खरोंच-दर्द
दायित्वों के सामने
पराजय से झुका हुआ सिर
शर्मिंदगी से भारी पलकें
साज़िशों के हथियार
इक तरफ़ उपेक्षित पड़े रहेंगे
झूठ के बने मुखौटे
दीवारों पर लटकते रहेंगे
अन्त में बचेगा पश्चाताप
एक युद्ध
जो लड़ा नहीं गया
और निर्णय सुना दिया गया ।