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अन्धेरे में / अशोक वाजपेयी
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उम्मीद का दूसरा नाम
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अँधेरे में उसकी देह में
तृप्त सुख दमका
जैसे दमकी नाक की कील :
जैसे सुख समूची देह में गड़ती
कील था।