आय घूप्प अन्हरिया छितरैलोॅ छै मोॅन बौखलैलो छै किरण जेना की बागी होय गेलोॅ छै आरो जेठोॅ नाकी दिल तपी रहलोॅ छै हर तरफ लाशे-लाश छै हमरोॅ सपना के कैह्नै कि हम्मे बेटी छिकिएॅ