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अपनी लय में / गोबिन्द प्रसाद


नशे की झील में
डूबा हूँ
किसी पत्थर की तरह

ऊपर
आकाश में
उभर आया
एक सूना तारा
मौन;अपनी लय में
प्रवहमान...