ब्राह्मणों को राजपुतों से एलर्जी है
तो राजपुतों को भूमिहारों से
कायस्थों को राजपुतों से एलर्जी है
तो राजपुतों को ब्राह्मणों से
कायस्थ भूमिहार को दोस्त मानते हैं
तो ब्राह्मण खत्रियों को
भूमिहार को यादवों से एलर्जी है
तो यादवों को ब्राह्मणों से
यादवों से कायस्थ घृणा करते हैं
तो यादव कुर्मी-कोयरिओं से
यादव राजपुतों को पसंद करते हैं
तो जाट-गुर्जर यादवों को
ब्राह्मण बनियों को दोस्त मानते हैं
तो बनिये ब्राह्मण-यादव दोनों को
कुर्मियों-कोयरिओं की कायस्थों से दोस्ती है
तो भूमिहारों की कुर्मियों-कोयरिओं से
जाटों-गुर्जरों को चमारों से एलर्जी है
तो चमारों को यादवों से
खटिकों को चमारों से एलर्जी है
तो पासवानों को भी चमारों से
धोबियों को पासियों से एलर्जी है
तो वाल्मीकियों को चमारों से
चमारों की ब्राह्मणों से दोस्ती है
तो राजपुतों की चमारों से दुश्मनी
वाल्मीकियों की बनियों से दोस्ती है
तो खटिकों की यादवों से
पासवानों को भूमिहार पसंद है
तो मल्लाहों को राजपूत
हज़्ज़ामों की राजपुतों से यारी है
तो कुम्हारों, कहारों और बढ़इयों की यादवों से
यादवों की मुसलमानों से दोस्ती है
तो द्विजों की मुसलमानों से दुश्मनी
इस दोस्ती और दुश्मनी की गांठें
भविष्य में कुछ और मजबूत होंगी
भारत की तस्वीर
कुछ और अजब-गजब होंगी।