Last modified on 22 मई 2010, at 21:43

अपहरण / दिनकर कुमार

कोमल भावनाओं का अनजाने में ही
हृदय के चौराहे से अपहरण किया गया
फिरौती के रूप में माँगा जा रहा है
सबसे हसीन सपना

चेतावनी दी गई है कि
सपने नहीं दिए गए तो
कोमल भावनाओं का वध किया जाएगा
कोई फायदा नहीं रपट लिखवाने से

कोई फायदा नहीं थाने में
सो रही है पुलिस
राजधानी में धुत्त पड़ी है सरकार

रिक्त हृदय को सांत्वना दे पाना
संभव नहीं
सांत्वना देने का रिवाज
प्रतिबंधित हो चुका है

अपहरणकर्ताओं का कोई नाम नहीं होता
कोई चेहरा नहीं होता
हृदय नहीं होता
हृदय में संजोकर रखी गई कोमल भावनाएँ नहीं होतीं

सूखे कुएँ की तरह अपने हृदय को लेकर
कहाँ जाऊँगा मैं कहाँ जाऊँगा