जितनी बार घण्टी बजती है
सोचता हूँ तुम आई हो
दरवाज़ा खोलकर देखता हूँ
कोई और होता है
मन में ज्वार उठता है
मन में ज्वार मर जाता है ।
बांग्ला से अनुवाद : पवन साव
जितनी बार घण्टी बजती है
सोचता हूँ तुम आई हो
दरवाज़ा खोलकर देखता हूँ
कोई और होता है
मन में ज्वार उठता है
मन में ज्वार मर जाता है ।
बांग्ला से अनुवाद : पवन साव