गगनचुम्बी इमारतों के बीच
जहां
आकर बसे हैं
अपना कहने को कोई दरवाजा नहीं है।
जहां
छूटा था घर
वहां लौटने का
अब कोई रास्ता नहीं है...
गगनचुम्बी इमारतों के बीच
जहां
आकर बसे हैं
अपना कहने को कोई दरवाजा नहीं है।
जहां
छूटा था घर
वहां लौटने का
अब कोई रास्ता नहीं है...