जब मैंने आइसक्रीम होटल में खाकर भी
दाम नहीं दिए और घर चला गया
तब मैं एक सबसे बड़ा अफसर था
मुफ़्त माल खाने का आदी था।
रचनाकाल: २३-०९-१९६१
जब मैंने आइसक्रीम होटल में खाकर भी
दाम नहीं दिए और घर चला गया
तब मैं एक सबसे बड़ा अफसर था
मुफ़्त माल खाने का आदी था।
रचनाकाल: २३-०९-१९६१