बुन्देली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
अबेरो दूल्हा क्यों सजौ महाराज।
बनाजी के आजुल जू को बड़ौ परिवार,
सजत बेरा हो गई महाराज।
अबेरो दूल्हा काय सजौ महाराज।
बनाजी के बाबुलजू को बड़ौ परिवार,
सजत बेरा हो गई महाराज।
अबेरो दूल्हा क्यों सजौ महाराज।
बनाजी के आजुल जू को बड़ौ परिवार,
सजत बेरा हो गई महाराज।
अबेरो दूल्हा काय सजौ महाराज।
बनाजी के बाबुलजू को बड़ौ परिवार,
सजत बेरा हो गई महाराज।