जहाँ राम नहीं
वहाँ अयोध्या नहीं
न कहीं राम के बिना अयोध्या
और न कहीं अयोध्या के बिना राम
राम के होने से ही अवधपुरी अति परम सुहावन और
राम के न होने से पावन सुषमा से हीन
जहाँ-जहाँ राम का वास
वहाँ-वहाँ अयोध्या
आज भी जहाँ पर भी है राम
बस, वहीं पर बसी है परम पावन अयोध्या ।