गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Last modified on 25 मार्च 2024, at 00:45
अरण्य रोदन / वैभव भारतीय
चर्चा
हिन्दी/उर्दू
अंगिका
अवधी
गुजराती
नेपाली
भोजपुरी
मैथिली
राजस्थानी
हरियाणवी
अन्य भाषाएँ
वैभव भारतीय
»
Script
Devanagari
Roman
Gujarati
Gurmukhi
Bangla
Diacritic Roman
IPA
अरण्य रोदन
मन का शोधन
हर सिसकी,
जंगल सुनता है।
हर हिचकी
ईश्वर बुनता है।