दुखमय सपनों की
सिसकियाँ
बीती मियाद की
मृदुल अनुभूतियांे की
झलकियाँ।
अलस्सुबह
करवटें बदलती
हैं धूप-छाँह की
सूराखों में
और रात्रि में
टँगती हैं उर की
शाखों से।
दुखमय सपनों की
सिसकियाँ
बीती मियाद की
मृदुल अनुभूतियांे की
झलकियाँ।
अलस्सुबह
करवटें बदलती
हैं धूप-छाँह की
सूराखों में
और रात्रि में
टँगती हैं उर की
शाखों से।