जैसे दर्द चला जाता है
ऐसे चला गया
उत्साह का एक मौसम
और हमने आराम की साँस ली
की अब थोड़े दिनों तक
हमारी सुबह-शामों की ख़बर
हम नहीं रखेंगे
दूसरे रखेंगे
हम केवल पड़े रहने का सुख
चखेंगे हौले–हल्के
दुःख की तरह तीव्र
उत्साह का मौसम
चला जो गया है!