सरोद पर तुमने था बजाया,
मैं समझा नहीं। मैंने देखा,
पीतल और लोहे से
तुमने मधु निचोड़ा :
सारा कड़वापन दूर हो गया,
मधु विदुंत होकर बँट गया।
सरोद पर तुमने था बजाया,
मैं समझा नहीं। मैंने देखा,
पीतल और लोहे से
तुमने मधु निचोड़ा :
सारा कड़वापन दूर हो गया,
मधु विदुंत होकर बँट गया।