Last modified on 24 नवम्बर 2009, at 20:10

अवशेष / ऋषभ देव शर्मा

रिश्ते सब टूट गए
खून के,
दूध के
और परस्पर झूठे पानी के।

ठेके ही बाकी हैं
कुर्सी के,
धर्म के,
माफिया गिरोहों के।।