Last modified on 8 फ़रवरी 2010, at 00:38

अव्यय / अशोक वाजपेयी

उसमें जो अव्यय है
उसी को छूने की चेष्टा करता हूँ:
वह जिसे वह भी
चाहे तो नष्ट नहीं कर पाएगी।