कोशिश तो बहुत की उन्होंने
अच्छे से बोलें
चेहरे के हाव-भावों से
सामने वाला परेशान न हो
शारीरिक मुद्राओं में न दिखे असन्तुलन
पर ऐसा हो न सका देर तक
असंतुष्टों की आवाज
भला कैसे हो सकती है
धीमी और संयत।
कोशिश तो बहुत की उन्होंने
अच्छे से बोलें
चेहरे के हाव-भावों से
सामने वाला परेशान न हो
शारीरिक मुद्राओं में न दिखे असन्तुलन
पर ऐसा हो न सका देर तक
असंतुष्टों की आवाज
भला कैसे हो सकती है
धीमी और संयत।