Last modified on 22 अगस्त 2017, at 09:57

असर-2 / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय

हंसे नें
हंसनी सें कहलकै
आदमी के रीढ़ में
भैर गेलै विष ऐत्ती कि
आबेॅ आदमियों भी साँपे नांखि
रंेगेॅ लागलै/टेढ़ोॅ-मेढ़ोॅ।