हंसे नें
हंसनी सें कहलकै
आदमी के रीढ़ में
भैर गेलै विष ऐत्ती कि
आबेॅ आदमियों भी साँपे नांखि
रंेगेॅ लागलै/टेढ़ोॅ-मेढ़ोॅ।
हंसे नें
हंसनी सें कहलकै
आदमी के रीढ़ में
भैर गेलै विष ऐत्ती कि
आबेॅ आदमियों भी साँपे नांखि
रंेगेॅ लागलै/टेढ़ोॅ-मेढ़ोॅ।