Last modified on 17 फ़रवरी 2017, at 13:24

अस्तित्व की घोषणा / शिवबहादुर सिंह भदौरिया

आओ
हम अपने
स्वतन्त्र अस्तित्व की
घोषणा करें,
फिर चाहे रिक्त हों या
भरें
जब भी जी ऊबे
तनाओं और दबावों से दूर
कहीं एक साथ खेलें,
पर
एक दूसरे को खिलौना
न कहें,
क्रय-विक्रय हो
व्यापार भी करें
मुनाफा हो: रखें
घाटा हो: भरें
पर,
एक दूसरे को वस्तु
न समझें।