मैंदी मांडै जद छोर्यां
भोत राजी हुवै मन मांय
जाणै चमकै बीज गगन मांय
बै सत्संग करै
पण प्रीत रा अै सबद
पछै भोत तंग करै
जणै सासरो जावणो पड़ै
साची कैवै आत्मा!
मां अर मां-बोली बिना
भोत पिछतावणो पड़ै।
मैंदी मांडै जद छोर्यां
भोत राजी हुवै मन मांय
जाणै चमकै बीज गगन मांय
बै सत्संग करै
पण प्रीत रा अै सबद
पछै भोत तंग करै
जणै सासरो जावणो पड़ै
साची कैवै आत्मा!
मां अर मां-बोली बिना
भोत पिछतावणो पड़ै।