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अेक सौ इकताळीस / प्रमोद कुमार शर्मा

कुण सूंपै
-अरपै कुण
बीजै कुण बीज भाखा रा
दाणा है अै जूनी दाखां रा
जका आपैई आपरो अरथ सोधै
कोई हटग्यानी बैठ'र अेकांत मांय बोधै

बो अेकांत ई साचो दातार है
भाखा नैं अेकांत री दरकार है।