सायेब हो थे साचा
सबद मांय पधारो हरमेस।
बाजै भपंग, ढोल, मंजीरा
थारै मुरधर देस
अलख जगावो भाखा मांय
थे मोटा दरवेस
सबद मांय पधारो हरमेस।
(श्री गुरु गोरखनाथजी नैं समरपित)
सायेब हो थे साचा
सबद मांय पधारो हरमेस।
बाजै भपंग, ढोल, मंजीरा
थारै मुरधर देस
अलख जगावो भाखा मांय
थे मोटा दरवेस
सबद मांय पधारो हरमेस।
(श्री गुरु गोरखनाथजी नैं समरपित)