जाणै कुण
कुण जाण सकै
थारै अक्षर रूप नैं
थारी छांव अर धूप नैं
सै थारी ही भाखा है
थां बिन कुण जणा सकै
क्यूंकै :
अक्षर ही अक्षर बणा सकै।
जाणै कुण
कुण जाण सकै
थारै अक्षर रूप नैं
थारी छांव अर धूप नैं
सै थारी ही भाखा है
थां बिन कुण जणा सकै
क्यूंकै :
अक्षर ही अक्षर बणा सकै।