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अेक सौ छब्बीस / प्रमोद कुमार शर्मा

गरभ रै मांयनै ई
भाखा सीखै जीव
-माता री।
पण इतरा गरभ
इतरा जीव
इतरी मांवां

पछै भी मायड़ भासा अरथबिहूणी है
संविधान री व्याख्या देखो कितरी सूंणी है
अेक नैं मानै साच, मानै कूड़ अेक नैं
अेक नैं मानै सोनो, मानै धूड़ अेक नैं

आपांनैं आ राय बदळणी है
छेवट राजस्थानी संविधान मांय ढळणी है।