हुवै जठै सत्संग
कदै-कदास बठै बीजळी रै तारां ऊपर भी
बैठज्यै समाधि मांय आयÓर कोई
-लीलटांस
फांस काटै चौरासी री जूण री
रिसी-महात्मा चरचा करै इण जूनै सूंण री
लोक अरथावै :
लीलटांस रामजी तांई
सनेसो पूगावै अर
-मेटै अड़कांस
सबद
बण'र लीलटांस।